Monday, June 21, 2010

अब मैं क्या करूँ....

तुम्हें पाने की चाहत में,
एक अर्स बीता दिया मैंने....
तुम अभी तक नहीं आएँ...
शायद तुम हमें नहीं समझ पाएँ

अब तो सिर्फ इंतजार ही शेष हैं...
अब तुम्ही बताओं कि मेरे जज्बात कहाँ तक सेफ हैं....

2 comments:

निर्मला कपिला said...

वाह बहुत खूब। शुभकामनायें

Udan Tashtari said...

बेहतरीन!!